BA Semester-3 Manovigyan - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-3 मनोविज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-3 मनोविज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2647
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बीए सेमेस्टर-3 मनोविज्ञान सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय - 5

आक्रामकता

(Aggression)

 

प्रश्न- आक्रामकता को स्पष्ट कीजिए एवं इसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।

अथवा
आक्रामकता को परिभाषित कीजिए। इसके स्वरूप का वर्णन कीजिए।

सम्बन्धित लघु प्रश्न
1. आक्रामकता को परिभाषित कीजिए।
2. आक्रामकता का आशय स्पष्ट कीजिए।
3. आक्रामकता के स्वरूप का वर्णन कीजिए।
4. आक्रामकता की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
5. आक्रामकता कितने प्रकार की होती है?

उत्तर -

आक्रामकता का अर्थ एवं परिभाषा
(Meaning and Definition of Aggression)

आक्रामकता एवं हिंसा का व्यवहार हर समाज में पाया जाता है। हिंसा की घटनाओं से अनेक लोगों का जीवन बलिवेदी पर चढ़ जाता है। व्यक्तिगत व्यवहार में भी आक्रामकता, लूटपाट एवं हत्या की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। आक्रामकता का गोचर सार्वभौमिक है। इसी कारण अनेक समाज मनोवैज्ञानिक इस व्यवहार के कारणों को जानने में अधिक रुचि ले रहे हैं ताकि इसका नियंत्रण कर समाज का कल्याण किया जा सके। आक्रामकता को विभिन्न मनोवैज्ञानिकों ने भिन्न-भिन्न रूप में परिभाषित किया है, इनमें से कुछ प्रमुख परिभाषायें निम्नलिखित हैं-

हिलगार्ड इत्यादि (Hillguard etc., 1987) के अनुसार, “आक्रामकता वह व्यवहार है जिसका उद्देश्य किसी व्यक्ति को (शारीरिक या मौखिक रूप में) चोट पहुँचाना या सम्पत्ति को नष्ट करना होता है।"

बेरोन एवं बर्न (Baron and Byrne, 1987 ) के अनुसार, “आक्रामकता एक ऐसा व्यवहार होता है जिसका लक्ष्य दूसरों को क्षति पहुँचाना या घायल करना होता है तथा जिससे बचने के लिए वह (दूसरा व्यक्ति) प्रेरित होता है।

मायर्स (Myers, 1988 ) के अनुसार, “आक्रामकता एक ऐसा शारीरिक या शाब्दिक व्यवहार होता है जिसका उद्देश्य दूसरों को चोट पहुँचाना होता है।"

उपर्युक्त परिभाषाओं से स्पष्ट है कि आक्रामकता एक ऐसा व्यवहार है जो एक व्यक्ति द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुँचाने के उद्देश्य से किया जाता है, अर्थात् दूसरों के लिये पीडादायक परिस्थिति उत्पन्न करना आक्रामकता है। यह एक प्रकार का अवांछित व्यवहार है क्योंकि इसमें व्यक्ति प्रीड़ा का अनुभव करते है। समाज के द्वारा इस प्रकार का व्यवहार अनुचित माना गया है। आक्रामकता का प्रदर्शन शारीरिक या मौखिक रूप से होता है।

आक्रामकता की विशेषताएँ
(Characteristics of Aggression)

आक्रामकता की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

1. हानिकारक व्यवहार (Harmful Behaviour) - आक्रामकता एवं हिंसा हानिकारक व्यवहार होते हैं। इसका उद्देश्य दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाना होता है। इसके द्वारा किसी व्यक्ति को शारीरिक या मानसिक रूप से क्षति पहुँचाई जाती है, जैसे अपमानित करना या शारीरिक रूप से क्षति पहुंचाना आदि।

2. उद्देश्यपूर्ण व्यवहार (Intentional Behaviour) आक्रामकता एवं हिंसा उद्देश्यपूर्ण होती है। ऐसा व्यवहार जान-बूझकर दूसरों को कष्ट पहुंचाने के उद्देश्य से किया जाता हैं।

3. सार्वभौमिकता (Universality) : आक्रामकता एवं हिंसा का व्यवहार प्रत्येक समाज में देखने को मिलता है, इसी कारण इसमें सार्वभौमिकता है।

4. पीड़ित व्यक्ति द्वारा बचाव (Defence by Victim ) - चूँकि आक्रामकता एवं हिंसा में लोग व्यक्तियों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे व्यक्ति पीड़ा का अनुभव करते हैं इस पीड़ा से बचने के लिए व्यक्ति बचाव करता है, जैसे हिंसा का जवाब हिंसा के रूप में देना, हिंसा की परिस्थिति से हट जाना आदि।

आक्रामकता के प्रकार
(Types of Aggression)

आक्रामकता के प्रमुख दो प्रकार निम्नलिखित हैं-

1. विद्वेषी आक्रामकता (Hostile Aggression) : मायर्स (Myers, 1988) के अनुसार, “ऐसी आक्रामकता क्रोध से उत्पन्न होती है। इसका उद्देश्य किसी को क्षति पहुंचाना होता हैं।

इस प्रकार की आक्रामकता का उद्देश्य क्रोध को व्यक्त (Explict) - करना होता है जैसे- क्रोध में आकर किसी व्यक्ति को पीटना।

2. साधनात्मक आक्रामकता (Instrumental Aggression ) - मायर्स (Myers, 1988) के अनुसार, “ऐसी आक्रामकता का उद्देश्य छिपा या अव्यक्त ( Implict) होता है। जैसे, किसी को हानि या क्षति पहुँचाने का कार्य छिपकर या अप्रत्यक्ष रूप से करना ताकि अपने उद्देश्य की प्राप्ति की जा सके। इस प्रकार की आक्रामकता प्रायः दो देशों के मध्य देखने को मिलती है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान के कार्यक्षेत्र की व्याख्या करें।
  2. प्रश्न- सामाजिक व्यवहार के स्वरूप की व्याख्या कीजिए।
  3. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की परिभाषा दीजिए। इसके अध्ययन की दो महत्वपूर्ण विधियों पर प्रकाश डालिए।
  4. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की प्रयोगात्मक विधि से क्या तात्पर्य है? सामाजिक परिवेश में इस विधि की क्या उपयोगिता है?
  5. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की निरीक्षण विधि का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये।
  6. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान में सर्वेक्षण विधि के महत्व का मूल्यांकन कीजिए।
  7. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान में क्षेत्र अध्ययन विधि से आप क्या समझते हैं? इसके प्रकार तथा गुण दोषों पर प्रकाश डालिए।
  8. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान को परिभाषित कीजिए। इसकी प्रयोगात्मक तथा अप्रयोगात्मक विधियों की विवेचना कीजिए।
  9. प्रश्न- अन्तर- सांस्कृतिक शोध विधि क्या है? इसके गुण-दोषों का वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान की आधुनिक विधियों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  11. प्रश्न- सामाजिक व्यवहार के अध्ययन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- समाज मनोविज्ञान के महत्व पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  13. प्रश्न- अर्ध-प्रयोगात्मक विधि का वर्णन कीजिये।
  14. प्रश्न- क्षेत्र अध्ययन विधि तथा प्रयोगशाला प्रयोग विधि का तुलनात्मक अध्ययन कीजिये।
  15. प्रश्न- समाजमिति विधि के गुण-दोष बताइये।
  16. प्रश्न- निरीक्षण विधि पर टिप्पणी लिखिये।
  17. प्रश्न- व्यक्ति प्रत्यक्षीकरण का अर्थ स्पष्ट करते हुए उसके स्वरूप को समझाइए।
  18. प्रश्न- प्रभावांकन के साधन की व्याख्या कीजिए तथा यह किस प्रकार व्यक्ति प्रत्यक्षीकरण में सहायक है? स्पष्ट कीजिए।
  19. प्रश्न- दूसरे व्यक्तियों के बारे में हमारे मूल्यांकन पर उस व्यक्ति के व्यवहार का क्या प्रभाव पड़ता है? स्पष्ट कीजिए
  20. प्रश्न- व्यक्ति प्रत्यक्षीकरण से आप क्या समझते हैं? यह जन्मजात है या अर्जित? विवेचना कीजिए।
  21. प्रश्न- चित्रीकरण करना किसे कहते हैं?
  22. प्रश्न- अवचेतन प्रत्यक्षण किसे कहते हैं?
  23. प्रश्न- सामाजिक प्रत्यक्षण पर संस्कृति का क्या प्रभाव पड़ता है?
  24. प्रश्न- छवि निर्माण किसे कहते हैं?
  25. प्रश्न- आत्म प्रत्यक्षण किसे कहते हैं?
  26. प्रश्न- व्यक्ति प्रत्यक्षण में प्रत्यक्षणकर्ता के गुणों पर प्रकाश डालिए।
  27. प्रश्न- प्रत्यक्षपरक सुरक्षा किसे कहते हैं?
  28. प्रश्न- सामाजिक अनुभूति क्या है? सामाजिक अनुभूति का विकास कैसे होता है?
  29. प्रश्न- स्कीमा किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार का होता है?
  30. प्रश्न- सामाजिक संज्ञानात्मक के तहत स्कीमा निर्धारण की प्रक्रिया कैसी होती है? व्याख्या कीजिए।
  31. प्रश्न- बर्नार्ड वीनर के गुणारोपण सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
  32. प्रश्न- केली के सह परिवर्तन गुणारोपण सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  33. प्रश्न- क्या स्कीमा स्मृति को प्रभावित करता है? अपने विचार व्यक्त कीजिए।
  34. प्रश्न- क्या सामाजिक अनुभूति में सांस्कृतिक मतभेद पाए जाते हैं?
  35. प्रश्न- स्कीम्स (Schemes) तथा स्कीमा (Schema) में क्या अन्तर है? स्पष्ट कीजिए।
  36. प्रश्न- मनोवृत्ति से आप क्या समझते हैं? इसके घटकों को स्पष्ट करते हुए इसकी प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
  37. प्रश्न- अभिवृत्ति निर्माण की प्रक्रिया को स्पष्ट करते हुए अभिवृत्ति में परिवर्तन लाने के उपायों का वर्णन कीजिए।
  38. प्रश्न- मनोवृत्ति परिवर्तन में हाईडर के संतुलन सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  39. प्रश्न- संज्ञानात्मक अंसवादिता से आप क्या समझते हैं? फेसटिंगर ने किस तरह से इसके द्वारा मनोवृत्ति परिवर्तन की व्याख्या की?
  40. प्रश्न- मनोवृत्ति की परिभाषा दीजिए। क्या इसका मापन संभव है? अभिवृत्ति मापन की किसी एक विधि की विवेचना कीजिए।
  41. प्रश्न- मनोवृत्ति मापन में लिकर्ट विधि का मूल्यांकन कीजिए।
  42. प्रश्न- मनोवृत्ति मापन में बोगार्डस विधि के महत्व का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- अभिवृत्ति मापन में शब्दार्थ विभेदक मापनी का वर्णन कीजिए।
  44. प्रश्न- अभिवृत्ति को परिभाषित कीजिए। अभिवृत्ति मापन की विधियों का वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- मनोवृत्ति को परिभाषित कीजिए। मनोवृत्ति के निर्माण को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
  46. प्रश्न- अन्तर्वैयक्तिक आकर्षण क्या है? इसके स्वरूप तथा निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
  47. प्रश्न- अभिवृत्ति के क्या कार्य हैं? लिखिए।
  48. प्रश्न- अभिवृत्ति और प्रेरणाओं में अन्तर समझाइये।
  49. प्रश्न- अभिवृत्ति मापन की कठिनाइयों का उल्लेख कीजिए।
  50. प्रश्न- थर्स्टन विधि तथा लिकर्ट विधि का तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
  51. प्रश्न- उपलब्धि प्रेरक पर प्रकाश डालिए।
  52. प्रश्न- अन्तर्वैयक्तिक आकर्षण में वैयक्तिक कारकों की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  53. प्रश्न- “अन्तर्वैयक्तिक आकर्षण होने का एक मुख्य आधार समानता है।" विवेचना कीजिए।
  54. प्रश्न- आक्रामकता को स्पष्ट कीजिए एवं इसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- क्या आक्रामकता जन्मजात होती है? एक उपयुक्त सिद्धान्त द्वारा इसकी आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  56. प्रश्न- कुंठा आक्रामकता सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  57. प्रश्न- क्या आक्रामकता सामाजिक रूप से एक सीखा गया व्यवहार होता है? एक उपयुक्त सिद्धान्त द्वारा इसकी आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  58. प्रश्न- आक्रामकता के प्रमुख सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  59. प्रश्न- कुंठा-आक्रामकता सिद्धान्त को बताइए।
  60. प्रश्न- आक्रामकता को उकसाने वाले प्रमुख कारकों का वर्णन कीजिए। अपने उत्तर के पक्ष में प्रयोगात्मक साक्ष्य भी दें।
  61. प्रश्न- मानवीय आक्रामकता के वैयक्तिक तथा सामाजिक निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- समाजोपकारी व्यवहार का अर्थ और इसके निर्धारकों पर एक निबन्ध लिखिए।
  63. प्रश्न- प्रतिसामाजिक व्यवहार का स्वरूप तथा विशेषताएँ बताइये।
  64. प्रश्न- सहायतापरक व्यवहार के सामाजिक व सांस्कृतिक निर्धारक का वर्णन कीजिए।
  65. प्रश्न- परोपकारी व्यवहार को किस प्रकार उन्नत बनाया जा सकता है?
  66. प्रश्न- सहायतापरक व्यवहार किसे कहते हैं?
  67. प्रश्न- सहायतापरक व्यवहार के निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
  68. प्रश्न- अनुरूपता से क्या आशय है? अनुरूपता की प्रमुख विशेषताएँ बताते हुए इसको प्रभावित करने वाले कारकों का उल्लेख कीजिए।
  69. प्रश्न- अनुरूपता के सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
  70. प्रश्न- पूर्वाग्रह की उपयुक्त परिभाषा दीजिये तथा इसकी प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए। पूर्वाग्रह तथा विभेद में अन्तर बताइये।'
  71. प्रश्न- सामाजिक पूर्वाग्रहों की प्रवृत्ति की संक्षिप्त रूप में विवेचना कीजिए। इसके हानिकारक प्रभावों को किस प्रकार दूर किया जा सकता है? उदाहरण देकर अपने उत्तर की पुष्टि कीजिये।
  72. प्रश्न- पूर्वाग्रह कम करने की तकनीकें बताइए।
  73. प्रश्न- पूर्वाग्रह से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताओं एवं स्रोतों का वर्णन कीजिए।
  74. प्रश्न- आज्ञापालन (Obedience) पर टिप्पणी लिखिये।
  75. प्रश्न- दर्शक प्रभाव किसे कहते हैं?
  76. प्रश्न- पूर्वाग्रह की प्रकृति एवं इसके संघटकों की विवेचना कीजिए।
  77. प्रश्न- पूर्वाग्रह के प्रमुख प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- पूर्वाग्रह के नकारात्मक प्रभाव का वर्णन कीजिये।
  79. प्रश्न- पूर्वाग्रह के विकास और सम्पोषण में निहित प्रमुख संज्ञानात्मक कारकों का वर्णन कीजिए।
  80. प्रश्न- पूर्वाग्रह एवं विभेदन को कम करने के लिये कुछ कार्यक्रमों की व्याख्या कीजिए।
  81. प्रश्न- समूह समग्रता से आप क्या समझते हैं? समूह समग्रता को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों का वर्णन कीजिये।
  82. प्रश्न- समूह मानदंड क्या है? यह किस प्रकार से समूह के लिए कार्य करते हैं?
  83. प्रश्न- समूह भूमिका किस प्रकार अपने सदस्यों के लिए कार्य करती है? स्पष्ट कीजिए।
  84. प्रश्न- निवैयक्तिकता से आप क्या समझते हैं? प्रयोगात्मक अध्ययनों से निवैयक्तिकता की प्रक्रिया पर किस तरह का प्रकाश पड़ता है?
  85. प्रश्न- “सामाजिक सरलीकरण समूह प्रभाव का प्रमुख साधन है। व्याख्या कीजिए।
  86. प्रश्न- “निर्वैयक्तिता में व्यक्ति अपनी आत्म- अवगतता खो देता है। इस कथन की व्याख्या कीजिए।
  87. प्रश्न- समूह के प्रकार बताइये।
  88. प्रश्न- सामाजिक श्रमावनयन से आप क्या समझते हैं? इसके कारणों का उल्लेख कीजिए और इसे किस तरह से कम किया जा सकता है? विवेचना कीजिए।
  89. प्रश्न- आज्ञापालन (Obedience) पर टिप्पणी लिखिये।
  90. प्रश्न- समूह निर्णय पर टिप्पणी लिखिये।
  91. प्रश्न- सामाजिक श्रमावनयन पर टिप्पणी लिखिये।
  92. प्रश्न- समूह की संरचना पर टिप्पणी लिखिये।

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